पौराणिक शास्त्र सौभाग्यलक्ष्म्युपनिषद् के अनुसार श्रीयंत्र का वज़न 160 माशे (154 ग्राम) या उससे अधिक का उत्तम तथा जितना अधिक बड़ा हो उतना ही अधिक प्रभावी माना जाता है।
अतः छोटी जगह पर भी उपरोक्त न्यूनतम अनुश्ंासा से बड़ा श्रीयंत्र स्थापित करने से बेहतर व शीघ्र परिणाम मिलते हैं।