3D Shree Yantra Installation Method

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3D Shree Yantra Installation Method2021-08-24T15:38:17+05:30

अ श्रीयंत्र की स्थापना का मुहूर्त

श्रीयंत्र को किसी भी शुभ दिन (विशेषकर सोमवार, बुधवार एंव शुक्रवार) अथवा नवरात्र, शिवरात्रि, होली, दीवाली, गुरु-पुष्य एवं रवि-पुष्य नक्षत्र, अक्षय तृतीया, धनतेरस के दिन, शुभ मुहूर्त में स्थापित किया जा सकता हैं।

ब श्रीयंत्र स्थापना की दिशा

श्रीयंत्र को आफिस की टेबल, घर, आफिस, दुकान में उत्तर, पूर्व अथवा उत्तर-पूर्व दिशा में स्थापित किया जावे। बड़े श्रीयंत्र को घर, आफिस, दुकान आदि के लगभग मध्य में (अथवा उस जगह जहाँ से अधिकांश लोगों को दिखे) स्थापित किया जावे, जिससे श्रीयंत्र का दिव्य प्रभाव हर जगह समान रूप से हो।

स श्रीयंत्र की स्थापना विधि

a. लाल रिबन को उपर उठाते हुए, श्रीयंत्र को लकड़ी के आधार सहित, बाक्स से बाहर निकालें। श्रीयंत्र अलग हटा लें।

b. प्रिंटेड श्रीचक्र को लकड़ी के आधार पर रखें एवं उसमें लिखी दिशाओं को, उस जगह की दिशाओं से मिलाते हुए, लकड़ी के आधार को व्यवस्थित करें।

c. प्रिंटेड श्रीचक्र के त्रिकोणों एवं श्रीयंत्र के त्रिकोणों का मिलान करते हुए, श्रीयंत्र को प्रिंटेड श्रीचक्र के ऊपर रखें।

d. बाक्स के ऊपरी भाग में रखी पांच ऐक्रेलिक शीट बाहर निकालें।

e. अब ऐक्रेलिक शीट का कव्हर बनाने हेतु- एक प्लेन जगह पर सबसे बड़ी शीट रखें। फिर दो षीट खड़ी कर, नीचें रखी शीट के दोनों फेस से फँसायें

f. इसी तरह अन्य दो शीट दूसरी ओर खडी कर, नीचें रखी शीट व अन्य दो खडी शीट से फँसायें।

 

g. कव्हर तैयार हो गया ।

g.  अब इसे उल्टा करके श्रीयंत्र के लकड़ी के आधार पर रखें।

अनुशंसा- पौराणिक शास्त्र सौभाग्यलक्ष्म्युपनिषद्  के अनुसार – श्रीयंत्र का वज़न 160 माशे (154 ग्राम) या उससे अधिक का उत्तम तथा जितना अधिक बड़ा हो उतना ही अधिक प्रभावी माना जाता है।

अतः छोटी जगह पर न्यूनतम अनुश्ांसा से बड़ा श्रीयंत्र स्थापित करने से बेहतर व शीघ्र परिणाम मिलते हैं।

उदाहरण के लिए – आफिस अथवा काम की टेबल में स्थापित करने हेतु छोटा साइज़ (S- 81मी.मी.) का श्रीयंत्र अनुश्ांसित है किन्तु बड़े साइज़ (L – 108 मी.मी.) के श्रीयंत्र को स्थापित कर कोई भी बेहतर परिणाम पा सकता हैं।

For energizing very big areas, such as hospitals, malls, big industries, etc. and people there in, five extra-large Shree Yantra – EL-243mm should be kept – one at the center of the premises and other four at the four corners or sides of the premises.

बड़ी जगहों जैसे अस्पताल, मॉल, उद्योग आदि एवं वहाँ के लोगों को ऊर्जावान करने हेतु एक (EL) -23mm को मध्य तथा चार (EL) – 243mm चारों कोनों पर स्थापित करना चाहिए।

स्वर्ण श्रीयंत्र तीन आकार में सभी स्थान की उपयोगिता हेतु उपलब्ध है मंगल कार्य जैसे-गृहप्रवेश, वास्तु पूजन, विवाह, नये व्यवसाय का आरंभ, जन्म, जनेऊ संस्कार आदि का आरंभ स्वर्ण श्रीयंत्र की स्थापना व पूजन के साथ करने से श्रेष्ठ परिणाम प्राप्त होते हैं।

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